मेहनत की गूँज देखकर, फिर विचलित हुए मुट्ठी भर लोग मेहनत की गूँज देखकर, फिर विचलित हुए मुट्ठी भर लोग
कलमकार लिखता गया अब उसने कविता लिखने की सोची ! कलमकार लिखता गया अब उसने कविता लिखने की सोची !
कुछ सालों बाद साहब का जहां से आए थे. वही फिर से तबादला हो चुका था. कुछ सालों बाद साहब का जहां से आए थे. वही फिर से तबादला हो चुका था.
यदि हमारी इच्छाशक्ति प्रबल है तो हम जो चाहे वह कर सकते हैं । यदि हमारी इच्छाशक्ति प्रबल है तो हम जो चाहे वह कर सकते हैं ।
हर कीमो के बाद निष्ठा की हालत खराब होती, जो खाती वो निकल जाता हर कीमो के बाद निष्ठा की हालत खराब होती, जो खाती वो निकल जाता
नशे की तस्करी से दुनिया के विभिन्न देश विभिन्न क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं । नशे की तस्करी से दुनिया के विभिन्न देश विभिन्न क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं ।